Biology : Digestive System (पाचन तंत्र) Short notes, one liner and MCQ for all examinations

पाचन तंत्र
(Digestive System)
शरीर में पाए जाने वाले जिव एंजाइम की सहायता से भोजन के बड़े अणुओं (कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन) को सरल अणुओं
में (
कार्बोहाइड्रेट को
ग्लूकोज में
, वसा को वसीय अम्ल और ग्लिसरॉल में तथा प्रोटीन को
अमीनो अम्ल में
) परिवर्तित कर शरीर के लिए अवशोषण योग्य बना
देते है
जीवों का यह
रासायनिक प्रक्रिया
,
पाचन तंत्र
कहलाता है
|


digestive system labelled med

पाचन
तंत्र में भाग लेने वाले विभिन्न अंग
मुख : 
हम जब भी भोजन
करते है तब सबसे पहले भोजन को चबाते है
, इस क्रम में भोजन लार के साथ अच्छे से मिल जाती
है
जो पाचन क्रिया की
राह आसान कर देती है
|
मानव लार में टायलिन नामक एंजाइम पाया
जाता है जो स्टार्च को माल्टोज में परिवर्तित कर देता है
मानव लार में 98.5% पानी
तथा
1.5% एंजाइम पाए जाते है |
यकृत (Liver) : 
यह हमारे शरीर का
सबसे बड़ा ग्रंथि होता है
, जिसका वजन लगभग 1.5 Kg होता है | यह शरीर के उदर
गुहा में दाहिने डायग्राम के नीचे
 स्थित है यकृत विशिस्ट द्रव का स्राव करती है, जिसे पित्तरस कहते है. जब शरीर में पित्त का
निर्माण ज्यादा हो जाता है तब शरीर पिलिया नामक रोग से
 ग्रस्त हो जाता है |
यकृत के कार्य –
·        
यह शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करता है (It regulates the amount
of glucose in the body)
·        
यूरिया का निर्माण
करता है (
Produces
urea)
·        
पित्तरस का निर्माण
करता है (
Produces
bile)
·        
शरीर
के
 रक्त
ताप
को नियंत्रित करता है (Controls the blood heat
of the body)


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अमाशय (gaster) –
यह एक थैलीनुमा रचना होती है
जिसकी दीवारों पर ग्रैस्ट्रिक
ग्रंथियां
होती है
,
जो ग्रैस्ट्रिक अम्ल का उत्पादन करती है अमाशय से निकलने
वाली जठर रस में पेप्सिन
तथा रेनिन एंजाइम
होते है
| आमाशय में भोजन लगभग 4 घंटे रहता है, पेप्सिन प्रोटीन को खंडित कर सरल पदार्थों में
परिवर्तित कर देता है
|
रेनिन दूध की
घुली हुयी प्रोटीन केसीनोजन को ठोस प्रोटीन कैल्शियम पेराकेसीनेट के रूप में बदल
देता है
प्रोटीन का पाचन
आमाशय में होता है
|
पक्वाशय (Duodenum) –
यहाँ अग्नाशय से
अग्नाशय रस आकर भोजन में मिलता है
, इसमें तीन तरह के एंजाइम होते है      ट्रिप्सिन – प्रोटीन तथा
पेप्टोन को पॉलीपेप्टाइड्स तथा अमीनो अम्ल में परिवर्तित करता है
|     
  
एमाइलेज – मण्ड (starch) को घुलनशील
शर्करा (
sugar)
में परिवर्तित
करता है

                   
लाइपेज – इमल्सीफाइड वसाओं को ग्लिसरीन तथा फैटी
एसिड्स में परिवर्तित करता है
|
छोटी आंत (small intestine) –
पक्वाशय के बाद
भोजन छोटी आंत में जाता है
जो लगभग 22 फीट लम्बी नली होती है | इसे इलियम भी कहा जाता है छोटी आंत की
दीवारों पर भी ग्रंथियां पायी जाती है जो विभिन्न प्रकार के एंजाइम का स्त्रवण
करती है
इन रसों से भोजन
के बड़े अणु
,
छोटे अणुओं में
विखंडित होकर अवशोषण योग्य बन जाते
  है |
बड़ी आंत (Big intestine) –
छोटी आंत के बाद
भोजन के बचे हुए अवशोषण बड़ी आंत में आते है
, जहां जल का अवशोषण होता है | इस क्रिया के पश्चात अवशिष्ट पदार्थ मल के
रुप में
 मलाशय में जाता
है और गुदा द्वारा शरीर से बाहर चला जाता है
पाचन क्रिया में बड़ी आंत का कोई विशिष्ट
भूमिका नहीं होती
,
इसका मुख्य
कार्य खाद्य पदार्थो से जल को अवशोषण करना है
|

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